इस्लाम के आखरी पैगम्बर मुहम्मद सल्ल. सभी इंसानों की रहनुमाई के लिए इस दुनिया में आए थे। उनकी दी हुई शिक्षाएं और बताया हुआ रास्ता इंसानों के लिए बेहद फायदेमंद है। इंसानों का हित और कामयाबी उन्हीं के सुझाए मार्ग में छिपा है। हमें चाहिए कि हम इंसानियत के इस सच्चे रहनुमा के नक्शे कदम पर चलें और अपनी जिंदगी को कामयाब बनाएं।
मुहम्मद सल्ल. की दी हुई शिक्षाएं 'हदीस शास्त्र' के रूप में संजो ली गई ताकि आने वाली पीढिय़ां उस राह को समझकर सही पथ पर चलती रहें। यहां पेश है पैगम्बर मुहम्मद सल्ल. की चुनिंदा शिक्षा। आप इन पर गौर और फिक्र कीजिए, आपको अंदाजा हो जाएगा कि ये बातें आज की कराह रही इंसानियत के लिए कितनी फायदेमंद और कारगर है।
●‘‘प्रत्येक धर्म का एक स्वभाव होता है। इस्लाम का स्वभाव लज्जा है।’’ (मालिक)
●जो व्यक्ति अपने छोटे-छोटे बच्चों के भरण-पोषण के लिए जायज़ कमाई के लिए दौड़-धूप करता है वह ‘अल्लाह की राह में’ दौड़-धूप करने वाला माना जाएगा।
● घूस लेने और देने वाले पर लानत है...कोई क़ौम ऐसी नहीं जिसमें घूस का प्रचलन हो और उसे भय व आशंकाए घेर न लें।
● सबसे बुरा भोज (बुरी दअ़वत) वह है जिसमें धनवानों को बुलाया जाए और निर्धनों को छोड़ दिया जाए।
● सबसे बुरा व्यक्ति वह है जो अपनी पत्नी के साथ किए गए गुप्त व्यवहारों (यौन क्रियाओं) को लोगों से कहता, राज़ में रखी जाने वाली बातों को खोलता है।
● यदि तुमने मां-बाप की सेवा की, उन्हें ख़ुश रखा, उनका आज्ञापालन किया तो स्वर्ग (जन्नत) में जाओगे। उन्हें दुख पहुंचाया, उनका दिल दुखाया, उन्हें छोड़ दिया तो नरक (जहन्नम) के पात्र बनोगे।
● ईश्वर की नाफ़रमानी (अवज्ञा) की बातों में किसी भी व्यक्ति (चाहे माता-पिता ही हों) का आज्ञापालन निषेध, हराम, वर्जित है।
● बाप जन्नत का दरवाज़ा है और मां के पैरों तले जन्नत है (अर्थात् मां की सेवा जन्नत-प्राप्ति का साधन बनेगी)।
मुहम्मद सल्ल. की दी हुई शिक्षाएं 'हदीस शास्त्र' के रूप में संजो ली गई ताकि आने वाली पीढिय़ां उस राह को समझकर सही पथ पर चलती रहें। यहां पेश है पैगम्बर मुहम्मद सल्ल. की चुनिंदा शिक्षा। आप इन पर गौर और फिक्र कीजिए, आपको अंदाजा हो जाएगा कि ये बातें आज की कराह रही इंसानियत के लिए कितनी फायदेमंद और कारगर है।
●‘‘प्रत्येक धर्म का एक स्वभाव होता है। इस्लाम का स्वभाव लज्जा है।’’ (मालिक)
●जो व्यक्ति अपने छोटे-छोटे बच्चों के भरण-पोषण के लिए जायज़ कमाई के लिए दौड़-धूप करता है वह ‘अल्लाह की राह में’ दौड़-धूप करने वाला माना जाएगा।
● घूस लेने और देने वाले पर लानत है...कोई क़ौम ऐसी नहीं जिसमें घूस का प्रचलन हो और उसे भय व आशंकाए घेर न लें।
● सबसे बुरा भोज (बुरी दअ़वत) वह है जिसमें धनवानों को बुलाया जाए और निर्धनों को छोड़ दिया जाए।
● सबसे बुरा व्यक्ति वह है जो अपनी पत्नी के साथ किए गए गुप्त व्यवहारों (यौन क्रियाओं) को लोगों से कहता, राज़ में रखी जाने वाली बातों को खोलता है।
● यदि तुमने मां-बाप की सेवा की, उन्हें ख़ुश रखा, उनका आज्ञापालन किया तो स्वर्ग (जन्नत) में जाओगे। उन्हें दुख पहुंचाया, उनका दिल दुखाया, उन्हें छोड़ दिया तो नरक (जहन्नम) के पात्र बनोगे।
● ईश्वर की नाफ़रमानी (अवज्ञा) की बातों में किसी भी व्यक्ति (चाहे माता-पिता ही हों) का आज्ञापालन निषेध, हराम, वर्जित है।
● बाप जन्नत का दरवाज़ा है और मां के पैरों तले जन्नत है (अर्थात् मां की सेवा जन्नत-प्राप्ति का साधन बनेगी)।