11.9.11

किताब- इस्लाम की छांव में- सच कुबूल करने वालों की दास्तां

इस पुस्तक में शामिल है   इस्लाम कबूल करने वाले दुनिया के मशहूर लोगों की दास्तां।    ये मशहूर लोग हैं-अमरीका के मशहूर बॉक्सर मुहम्मद अली, भारत के मशहूर संगीतकार ए आर रहमान, पाकिस्तानी क्रिकेटर मुहम्मद यूसुफ, जरमैन जैक्शन, तमिलनाडू के मशहूर उपन्यासकार अब्दुल्लाह अडियार, भारत की प्रसिद्ध लेखिका कमला सुरैया, जर्मनी के पूर्व राजदूत डॉ मुराद हॉफमेन, इंग्लैण्ड के पॉप स्टार रह चुके केट स्टीवन्स और अब यूसुफ इस्लाम, इंग्लैण्ड के ही प्रसिद्ध फोटोग्राफर अब्दुल अदीम, अमरीका के मशहूर बास्केटबाल खिलाड़ी करीम अब्दुल जब्बार और इंग्लैण्ड के अब्दुल रहीम ग्रीन।
किताब का नाम- इस्लाम की छांव में
पेज: 80
कीमत: 50 रुपये
यह किताब यहां से भी हासिल की जा सकती है-
अलहसनात बुक्स प्रा.लि.
3004/2, सर सैयद अहमद रोड, दरियागंज, नई दिल्ली-110002
फोन-011-23271845, 41563256
  
  इस पुस्तक में शामिल है इन लोगों के वे एक्सक्लूसिव इंटरव्यू जिसमें उन्होंने बताया-इस्लाम में उन्हें आखिर क्या खास लगा जिससे वे अपना मूल मजहब छोड़कर इस्लाम को गले लगा लिया।                               दावत के लिहाज से एक बेहतरीन और असरकारी किताब

16.8.11

रामधारी सिंह दिनकर का इस्लाम के बारे में नजरिया


रामधारी सिंह दिनकर (प्रसिद्ध साहित्यकार और इतिहासकार)
जब इस्लाम आया, उसे देश में फैलने से देर नहीं लगी। तलवार के भय अथवा पद के लोभ से तो बहुत थोड़े ही लोग मुसलमान हुए, ज़्यादा तो ऐसे ही थे जिन्होंने इस्लाम का वरण स्वेच्छा से किया। बंगाल, कश्मीर और पंजाब में गाँव-के-गाँव एक साथ मुसलमान बनाने के लिए किसी ख़ास आयोजन की आवश्यकता नहीं हुई। ...मुहम्मद साहब ने जिस धर्म का उपदेश दिया वह अत्यंत सरल और सबके लिए सुलभ धर्म था। अतएव जनता उसकी ओर उत्साह से बढ़ी। ख़ास करके, आरंभ से ही उन्होंने इस बात पर काफ़ी ज़ोर दिया कि इस्लाम में दीक्षित हो जाने के बाद, आदमी आदमी के बीच कोई भेद नहीं रह जाता है। इस बराबरी वाले सिद्धांत के कारण इस्लाम की लोकप्रियता बहुत बढ़ गई और जिस समाज में निम्न स्तर के लोग उच्च स्तर वालों के धार्मिक या सामाजिक अत्याचार से पीड़ित थे उस समाज के निम्न स्तर के लोगों के बीच यह धर्म आसानी से फैल गया...।

10.7.11

पेड़ लगाइए और नेकी कमाइए

पैगम्बर मुहम्मद सल्ल. ने फरमाया अगर कयामत आ रही हो और तुम में से किसी के हाथ में कोई पौधा हो तो उसे  लगा ही दो और परिणाम की चिंता मत करो।
 जल और थल में बिगाड़ फैल गया खुद लोगों की ही हाथों की कमाई के कारण, ताकि वह उन्हें उनकी कुछ करतूतों का मजा चखाए, कदाचित वे बाज आ जाएं। (कुरआन-30:41)
पैगम्बर मुहम्मद सल्ल. ने फरमाया-जिसने अपनी जरूरत से ज्यादा पानी को रोका और दूसरे लोगों को पानी से वंचित रखा तो अल्लाह फैसले वाले दिन(बदला दिया जाने वाले दिन) उस शख्स से अपना फज्लो करम रोक लेगा।
पैगम्बर मुहम्मद सल्ल. ने फरमाया-जो बंदा कोई पौधा लगाता है या खेतीबाड़ी करता है। फिर उसमें से कोई परिंदा,इंसान या अन्य कोई प्राणी खाता है तो यह सब पौधा लगाने वाले की नेकी(पुण्य) में गिना जाएगा।
पैगम्बर मुहम्मद सल्ल. ने फरमाया-जो भी खजूर का पेड़ लगाएगा, उस खजूर से जितने फल निकलेंगे, अल्लाह उसे उतनी ही नेकी देगा।
पैगम्बर मुहम्मद सल्ल. ने फरमाया- जिस घर में खजूर का पेड़ हो, वह भुखमरी से परेशान नहीं हो सकता।