- शायद आप यकीन ना करें लेकिन हकीकत यही है कि इस्लाम की गोद में आने वाले लोगों में एक बड़ी तादाद ईसाई पादरियों की है। यह किताब इसी सच्चाई को आपके सामने पेश करती है। यह ईसाई किसी एक मुल्क या इलाके विशेष के नहीं है, बल्कि दुनिया के कई देशों के हैं। अंगे्रजी की इस किताब में 18 ईसाई पादरियों का जिक्र हैं जिन्होंने सच्चे दिल से इस्लाम की सच्चाई को कुबूल किया और ईसाईयत को छोड़कर इस्लाम को गले लगा लिया।
इस किताब में इनके वे इंटरव्यू शामिल किए गए हैं जिसमें उन्होंने बताया कि आखिर उन्होंने इस्लाम क्यों अपनाया। उनकी नजर में इस्लाम में ऐसी क्या खूबी थी कि उन्होंने पादरी जैसे सम्मानित ओहदे का त्यागकर इस्लाम को अपना लिया।
- पुस्तक में शामिल ये अट्ठारह पादरी ग्यारह देशों के हैं। इनमें शामिल हैं अमेरिका के यूसुफ एस्टीज, उनके पिता, मित्र पेटे, स्यू वेस्टन, जैसन कू्रज, राफेल नारबैज, डॉ. जेराल्ड डिक्र्स, एम. सुलैमान, कनाडा के डॉ. गैरी मिलर, ब्रिटेन के इदरीस तौफीक, ऑस्ट्रेलिया के सेल्मा ए कुक, जर्मनी के डॉ. याह्या ए.आर. लेहमान, रूस के विचैसलव पॉलोसिन, इजिप्ट के इब्राहीम खलील, स्पैन के एंसलम टोमिडा, श्रीलंका के जॉर्ज एंथोनी , तंजानिया के मार्टिन जॉन और ब्रूंडी की मुस्लिमा।
इस्लाम अपनाने वाले ये पादरी वे हैं जिन्होंने हाल ही के दौर में इस्लाम को अपनाया। पढि़ए इस किताब को और जानिए इस्लाम की सच्चाई इन पूर्व पादरियों की जुबान से। - इस किताब को यहां पेश करने का मकसद इस्लाम से जुड़ी लोगों की गलतफहमियां दूर करना और इस्लाम की सच्चाई को बताना है, मकसद किसी भी मजहब का मजाक उड़ाना नहीं है।
PRIESTS ACCEPT ISLAM
Eighteen Priests Journey From Church to Mosque
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