‘‘...इस्लाम धर्म सम्पूर्ण एवं सार्वभौमिक धर्म है जो कि अपने सभी
अनुयायियों से समानता का व्यवहार करता है (अर्थात् उनको समान समझता है)।
यही कारण है कि सात करोड़ अछूत हिन्दू धर्म को छोड़ने के लिए सोच रहे हैं और
यही कारण था कि गाँधी जी के पुत्र (हरिलाल) ने भी इस्लाम धर्म ग्रहण किया
था। यह तलवार नहीं थी कि इस्लाम धर्म का इतना प्रभाव हुआ बल्कि वास्तव में
यह थी सच्चाई और समानता जिसकी इस्लाम शिक्षा देता है...।’’
डॉ॰ बाबासाहब भीमराव अम्बेडकर (बैरिस्टर, अध्यक्ष-संविधान निर्मात्री सभा)
(‘द स्पोक अम्बेडकर’ चौथा खंड—भगवान दास, पृष्ठ 144-145 से उद्धृत)
डॉ॰ बाबासाहब भीमराव अम्बेडकर (बैरिस्टर, अध्यक्ष-संविधान निर्मात्री सभा)
(‘द स्पोक अम्बेडकर’ चौथा खंड—भगवान दास, पृष्ठ 144-145 से उद्धृत)
2 टिप्पणियाँ:
बेहतर लेखनी, बधाई !!
Nicec post.
http://tanzil.net/#trans/hi.farooq/1:1
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